What is Moonlighting Is Moonlighting Right for the IT Industry? मूनलाइटिंग पर आईटी विशेषज्ञों की अलग अलग राय

What is Moonlighting Is Moonlighting Right for the IT Industry मूनलाइटिंग पर आईटी विशेषज्ञों की अलग अलग राय.

What is Moonlighting Is Moonlighting Right for the IT Industry मूनलाइटिंग पर आईटी विशेषज्ञों की अलग अलग राय.
What is Moonlighting

What is Moonlighting

मूनलाइटिंग क्या है – मूनलाइटिंग का मतलब है एक कंपनी में काम करते हुए कर्मचारी का किसी दूसरी कंपनी के लिए भी काम करना होता है (Moonlighting means that while working in one company, the employee has to work for another company as well). कोविड महामारी के दौरान वर्क फ्रॉम होम करते हुए कई कंपनी के कर्मचारियों ने ऐसी प्रैक्टिस अपनाई थी या फिर इसे किया है. खासतौर पर IT सेक्टर के कंपनी में यह ट्रेंड सबसे ज्यादा देखा गया है.

मूनलाइटिंग में बहस क्यों शुरू हुआ – मूनलाइटिंग करते पाए गए विप्रो के करीब 300 कर्मचारियों को निकाले जाने के बाद IT सेक्टर में यह मुद्दा गरमा गया है. मोहनदास पई और इन्फोसिस के को-फाउंडर कृष गोपाल कृष्णन जैसे दिग्गज इस मसले पर आमने-सामने आ गए हैं.

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मूनलाइटिंग सर्वे – कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज (Kotak Institutional Equities) के एक हालिया सर्वे में शामिल IT इंडस्ट्री से जुड़े 400 लोगों में से करीब 65% लोगों ने माना था कि वे या तो खुद मूनलाइटिंग कर रहे हैं या फिर ऐसे लोगों को जानते हैं जो मूनलाइटिंग करते हैं.

इससे पहले विप्रो के एग्जिक्यूटिव चेयरमैन रिषद प्रेमजी ने मूनलाइटिंग को धोखाधड़ी करार देते हुए कई सार्वजनिक मंचों से इसका विरोध किया था. उसके बाद इन्फोसिस ने भी अपने कर्मचारियों को मूनलाइटिंग करने के खिलाफ चेतावनी दी थी.

मैनेजमेंट ने ऐसे कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की धमकी भी दी थी. इसके बाद मूनलाइटिंग को लेकर नैतिकता और वैधानिकता पर बहस गरमा गया.

मूनलाइटिंग के विरोध में ये दिग्गज है शामिल:-

  1. क्रिस गोपालकृष्णन – इन्फोसिस के को-फाउंडर ने कहा कि एक ही समय में एक से ज्यादा कंपनियों के लिए काम करने से भरोसा टूटता है. दूसरी नौकरी करने वाले कर्मचारियों की प्रोडक्टिविटी प्रभावित होगी. इस वजह से टकराव और डेटा ब्रीच जैसी स्थिति भी पैदा हो सकती है.
Kris Gopalkrishnan
Kris Gopalkrishnan

2. रिषद प्रेमजी – विप्रो के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन का मानना है कि मूनलाइटिंग करने वाले कर्मचारी एक तरह से उन दोनों कंपनियों से धोखा करते हैं, जिनके लिए वे काम करते हैं. इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता.

Rishad Premji
Rishad Premji

मूनलाइटिंग के पक्ष में ये है शामिल:-

  1. मोहनदास पई – इन्फोसिस के पूर्व निदेशक ने मूनलाइटिंग को फैक्ट ऑफ लाइफ करार दिया है. उन्होंने गुरुवार को कहा, ‘यदि मुझे अतिरिक्त पैसा चाहिए तो मैं शनिवार को भी काम करुंगा. वे मुझे ऐसा करने से नहीं रोक सकते.’
Mohandas pai
Mohandas pai

2. सीपी गुरनानी – टेक महिंद्रा के CEO का मानना है कि कर्मचारियों को अपनी क्षमता का इस्तेमाल करके अतिरिक्त कमाई करने का पूरा हक है, लेकिन तभी तक जब तक यह काम पारदर्शिता के साथ किया जाता है, लेकिन अभी ऐसा नहीं होता नजर आ रहा.

C P Gurnani
C P Gurnani

पहली मूनलाइटिंग पॉलिसी – फूड डिलीवरी प्लेटफार्म स्विगी ने इंडस्ट्री की पहली मूनलाइटिंग पॉलिसी बनाई है. इसके जरिये कंपनी कर्मचारियों को इस बात के लिए प्रेरित किया है कि वे काम के बाद कोई दूसरा काम भी करें. स्विगी का मानना है कि हर व्यक्ति को व्यक्तिगत और प्रोफेशनल डेवलपमेंट का हक है.

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