Neeraj Chopra gave India gold in Olympics नीरज चोपड़ा ने भारत को एथलेटिक्स में अब तक का पहला गोल्ड दिलाया, 87.58 मीटर थ्रो के साथ नंबर-1 रहे.

Neeraj Chopra gave India gold in Olympics भारत का एथलेटिक्स में मेडल जीतने का 121 साल का इंतजार खत्म हो गया है. जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने भारत को इस स्पोर्ट्स में गोल्ड मेडल दिलाया. उन्होंने फाइनल में 87.58 मीटर के बेस्ट थ्रो के साथ गोल्ड मेडल अपने नाम किया. नीरज ने पहले अटैम्प्ट में 87.03 मीटर और दूसरे अटैम्प्ट में 87.58 मीटर दूर भाला फेंका था. तीसरे अटैम्प्ट में उन्होंने 76.79 मीटर, जबकि चौथे और 5वें अटैम्प्ट में फाउल थ्रो किया. छठे अटैम्प्ट में नीरज ने 84.24 मीटर दूर भाला फेंका.
Neeraj Chopra gave India gold in Olympics| नीरज चोपड़ा ने दिलाया भारत को ओलिंपिक में गोल्ड
86.67 मीटर थ्रो के साथ चेक के जाकुब वेदलेच दूसरे नंबर पर रहे। वहीं 85.44 मीटर के थ्रो के साथ चेक के वितेस्लाव वेसेली तीसरे नंबर पर रहे. नीरज ने क्वालिफाइंग राउंड में 86.65 मीटर थ्रो किया था और अपने ग्रुप में पहले नंबर पर रहे थे. भारत का यह अब तक का सबसे सफल ओलिंपिक बन गया है. भारत ने इसमें 1 गोल्ड, 2 सिल्वर और 4 ब्रॉन्ज समेत कुल 7 मेडल जीते। 2012 लंदन ओलिंपिक में 6 मेडल जीते थे.


13 साल बाद भारत को गोल्ड
ओलिंपिक गेम्स में 13 साल बाद भारत को किसी इवेंट में गोल्ड मेडल मिला है. इससे पहले 2008 में बीजिंग ओलिंपिक निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने गोल्ड जीता था. बिंद्रा ने 10 मीटर एयर राइफल इवेंट का गोल्ड अपने नाम किया था.
भारत का अब तक का 10वां गोल्ड
यह ओलिंपिक गेम्स में भारत का अब तक का 10वां गोल्ड मेडल है. भारत ने इससे पहले हॉकी में 8 और शूटिंग में 1 गोल्ड मेडल जीता है. इस तरह भारत का यह सिर्फ दूसरा इंडिविजुअल गोल्ड मेडल भी है.
भारत का सबसे सफल ओलिंपिक
भारत का यह सबसे सफल ओलिंपिक बन गया है. लंदन ओलिंपिक में भारत ने 6 मेडल जीते थे. टोक्यो ओलिंपिक में भारत ने 7 मेडल जीत लिए हैं. नीरज के गोल्ड के अलावा मीराबाई चानू ने वेटलिफ्टिंग में सिल्वर, पीवी सिंधु ने बैडमिंटन में ब्रॉन्ज और लवलिना बोरगोहेन ने बॉक्सिंग में ब्रॉन्ज मेडल जीता है. इसके अलावा भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने ब्रॉन्ज और कुश्ती में रवि दहिया ने सिल्वर मेडल जीता. वहीं बजरंग ने शनिवार को ब्रॉन्ज मेडल जीता.

Neeraj Chopra gave India gold in Olympics
ट्रैक एंड फील्ड में भारत का पहला मेडल
ट्रैक एंड फील्ड इवेंट्स यानी एथलेटिक्स किसी भी ओलिंपिक गेम्स का सबसे मुख्य आकर्षण होते हैं, लेकिन नीरज से पहले कोई भारतीय इन इवेंट्स में मेडल नहीं जीत पाया था. ब्रिटिश इंडिया की ओर से खेलते हुए नॉर्मन प्रिटचार्ड ने साल 1900 में हुए ओलिंपिक में एथलेटिक्स में दो मेडल जीते थे, लेकिन वे भारतीय नहीं अंग्रेज थे.
क्वालिफाइंग में किया था 86 मीटर से ऊपर का थ्रो
नीरज इस समय बेहतरीन लय में हैं. उन्होंने टोक्यो ओलिंपिक में जेवलिन थ्रो के क्वालिफाइंग इवेंट में 86.65 मीटर की थ्रो की थी. उन्होंने क्वालिफाइंग के ग्रुप ए और ग्रुप बी को मिलाकर पहला स्थान हासिल किया था. नीरज का पर्सनल बेस्ट 88.06 मीटर है. इस थ्रो के साथ उन्होंने 2018 एशियन गेम्स का गोल्ड मेडल जीता था.
जर्मन कोच से ली है ट्रेनिंग
नीरज चोपड़ा ने अपनी थ्रोइंग स्किल्स को बेहतर बनाने के लिए जर्मनी के बायो मैकेनिक्स एक्सपर्ट क्लाउस बार्तोनित्ज से ट्रेनिंग ली है. इसके बाद उनके प्रदर्शन में निरंतरता आई है.
इससे पहले 5 बड़े इवेंट में जीत चुके हैं गोल्ड
इंडियन आर्मी में काम करने वाले नीरज अपने करियर में टोक्यो ओलिंपिक से पहले 5 मेगा स्पोर्ट्स इवेंट में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं. उन्होंने एशियन गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियन चैंपियनशिप, साउथ एशियन गेम्स और वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल अपने नाम किया है.
Neeraj Chopra gave India gold in Olympics
वजन कम करने के लिए आए थे एथलेटिक्स में
नीरज चोपड़ा हरियाणा के पानीपत जिले के रहने वाले हैं. उन्होंने वजन कम करने के लिए एथलेटिक्स जॉइन की थी. जल्द ही वे एज ग्रुप प्रतियोगिताओं में अच्छा परफॉर्म करने लगे और कई टूर्नामेंट में जीत हासिल की. 2016 में उन्होंने इंडियन आर्मी जॉइन की.
नीरज की कामयाबी के बाद उनके चाचा भीम चोपड़ा ने कहा है कि मैंने पहले ही कहा था कि गोल्ड मेडल तो म्हारे छोरे का ही है. फाइनल में 11 खिलाड़ियों पर मेरा भतीजा भारी पड़ा. कोई भी नीरज के 87.58 मीटर के रिकॉर्ड तक नहीं पहुंच पाया.
नीरज के दादा धर्म सिंह ने भी परिवार के साथ बैठकर मुकाबला देखा। वे कहते हैं कि मेरा पोता बहुत मेहनती है. वह ओलिंपिक खेलने गया और गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया. मेरा सिर फख्र से ऊंचा कर दिया.
एक साल से बंद है नीरज का फोन
चाचा भीम चोपड़ा ने बताया कि ओलिंपिक में पदक जीतने के लिए नीरज ने जी-तोड़ मेहनत की है. एक साल से तो उसका फोन बंद है. 15 दिन पहले हमारी वीडियो कॉल से उससे बात हुई थी, वो भी मैनेजर के फोन से. उसके बाद बात ही नहीं हुई.
मुकाबला देखने के लिए एलईडी स्क्रीन लगाई
नीरज चोपड़ा का मुकाबला देखने के लिए उनके पानीपत के गांव खांडरा स्थित घर में बड़ी स्क्रीन लगाई गई. घर में पूरा परिवार, रिश्तेदार, गांववाले और एथलेटिक्स फेडरेशन के अधिकारी जुटे. उन्होंने एक साथ लाइव मुकाबला देखा. पंडाल लगाकर कुर्सियां लगाई गईं. गांव के बड़े बुजुर्ग, बच्चे और महिलाएं सुबह से ही नीरज के घर पर जुटने लगे थे.
पहले ही प्रयास में किया था फाइनल के लिए क्वालिफाई
नीरज चोपड़ा ने अपने पहले ही प्रयास में 86.65 मीटर भाला फेंककर फाइनल के लिए क्वालिफाई किया था. हालांकि, जेवलिन थ्रो में उनका नेशनल रिकॉर्ड 88.07 मीटर है.
किसान परिवार से हैं नीरज चोपड़ा
नीरज चोपड़ा हरियाणा के पानीपत जिले के मतलौडा ब्लॉक के गांव खांडरा के रहने वाले हैं. इनके पिता सतीश चोपड़ा किसान हैं और मां सरोज देवी गृहिणी हैं. दो छोटी बहनें संगीता और सरिता हैं. चाचा भीम चोपड़ा ने नीरज को जेवलिन थ्रो में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया था.

Neeraj Chopra gave India gold in Olympics
नीरज इस गेम में अचानक आए थे
जेवलिन थ्रो के फाइनल में गोल्ड जीतने वाले नीरज इस गेम में अचानक आए थे. उन्होंने जिम छोड़कर जेवलिन थ्रो करना शुरू किया था. उनके चाचा भीम चोपड़ा ने बताया कि नीरज शुरुआत में शारीरिक रूप से ज्यादा फिट नहीं थे, इसलिए जिम जाते थे. जिम के पास ही स्टेडियम था, तो कई बार वे वहां टहलने के लिए चले जाते थे.
एक बार स्टेडियम में कुछ बच्चे जेवलिन कर रहे थे. नीरज वहां जाकर खड़े हो गए, तभी कोच ने उनसे कहा कि आओ जेवलिन फेंको, देखें आप कहां तक फेंक पाते हो. नीरज ने जेवलिन फेंका, तो वह काफी ज्यादा दूर जाकर गिरा. इसके बाद कोच ने उन्हें रेगुलर ट्रेनिंग में आने के लिए कहा. कुछ दिनों तक नीरज ने पानीपत स्टेडियम में ट्रेनिंग की, फिर पंचकूला में चले गए और वहां ट्रेनिंग करने लगे.
वर्ल्ड रिकॉर्ड के बावजूद रियो नहीं जा पाए थे
नीरज ने 2016 में जूनियर वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम किया था, इसके बावजूद वे रियो ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई नहीं कर सके थे. नीरज ने यह रिकॉर्ड 23 जुलाई को बनाया था, जबकि रियो के लिए क्वालिफाई की आखिरी तारीख 23 जुलाई थी.
वर्ल्ड रिकॉर्ड के बाद सेना ने नायब सूबेदार बनाया
वर्ल्ड रिकॉर्ड के बाद सेना ने नीरज को जूनियर कमीशंड ऑफिसर की पोस्ट देते हुए नायब सूबेदार के पद पर नियुक्त किया. उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और 2018 एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता.
नीरज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 6 मेडल जीत चुके हैं
नीरज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 6 बड़े टूर्नामेंट में मेडल जीत चुके हैं. वे 2018 में जकार्ता एशियन मेम्स, गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स, 2017 में एशियन चैंपियनशिप, 2016 में साउथ एशियन गेम्स, 2016 में जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं. जबकि 2016 में जूनियर एशियन चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता था.
कहावत है कि जैसा खाते हैं वैसे ही बन जाते हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि चैंपियन नीरज चोपड़ा क्या खाते हैं? जवाब है- नीरज ब्रेड ऑमलेट खाना पसंद करते हैं. जीत के बाद नीरज को मीठा खाना बेहद पसंद है. हाल ही में उन्होंने अपनी डाइट में सॉलमन फिश को शामिल किया है.
आइए जानते हैं उनके कुछ पसंदीदा फूड्स..
- नीरज को ब्रेड ऑमलेट खाना पसंद है. किसी भी समय ब्रेड ऑमलेट खा सकते हैं.
- नीरज अपने लिए नमकीन चावल कुक करना पसंद करते हैं.
- टूर्नामेंट के दौरान सलाद और फल खाना पसंद करते हैं.
- किसी देश में टूर्नामेंट के दौरान उसी देश का खाना खाना पसंद करते हैं.
- दूसरे देश के खिलाड़ियों को भारतीय खाने के रूप में चिकन करी या बटर चिकन खाने की सलाह देते हैं. क्योंकि यह बहुत स्वादिष्ट होता है.
- जीत के बाद इनाम के तौर पर मीठा खाना पसंद ह.। हालांकि अक्सर मीठे से दूर ही रहते हैं.
- हाल ही में अपने खाने में सॉलमन फिश को शामिल किया है. प्रैक्टिस के दौरान फ्रूट जूस पीना पसंद करते हैं.
- फास्ट फूड में गोलगप्पे के शौकीन हैं नीरज. उनका कहना है कि इसमें सबसे ज्यादा पानी होता है. इस कारण इसे खाने में कोई खास नुकसान नहीं है.
एक खिलाड़ी के लिए सॉलमन फिश इसलिए है खास
सॉलमन फिश में प्रचूर मात्रा में आयरन, प्रोटीन और ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है. जो हमारे शरीर में मांसपेशियों की रिकवरी में सहायक होता है. यह फिश एंटी-इंफ्लेमेटरी, विटामिन-बी3, बी1, बी12, सेलेनियम, एंटी-डायबिटिक, एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होती है. इससे इम्यूनिटी काफी मजबूत रहती है. सॉलमन फिश में पाए जाने वाले न्यूट्रिएंट्स दिल से जुड़ी बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं.
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