By consuming it the sugar level will be maintained इसके सेवन करने से शुगर लेवल रहेगा मेन्टेन, आयुर्वेदिक उपाय.

इसके सेवन करने से शुगर लेवल रहेगा मेन्टेन, आयुर्वेदिक उपाय, देखे पूरी विधि: By consuming it the sugar level will be maintained
By consuming it the sugar level will be maintained
भारत में प्राचीन काल से ही आयुर्वेद चिकित्सा प्रणाली का बहुत महत्त्व है. आजादी से पहले जहाँ अस्पताल कम थे और वेदिशी चिकित्सा आसान नहीं थी वैसे में आयुर्वेदिक उपचार से ही लोगो को ठीक किया जाता रहा है. भारत द्वारा ही विभिन्न रोगों के इलाज के लिए विभिन्न औषधि पूरे विश्व को बताया गया है. इसीलिए जड़ी-बूटियों के मामले में भारत को एक समृद्ध देश माना जाता है. सदियों से यहां विभिन्न रोगों का इलाज आयुर्वेदिक औषधि की सहायता से किया जा रहा है.
आयुर्वेदिक उपचार पद्धति की खास बात यह है कि इसमें प्राकृतिक सामग्री का उपयोग किया जाता है, जिसमें औषधीय गुणों से भरपूर पौधे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इन पौधों में शामिल हैं, कालमेघ. यह एक लाभकारी पौधा है, जो कई शारीरिक समस्याओं से निजात दिलाने में मदद कर सकता है. आज के इस आर्टिकल में हम आपको कालमेघ के उपयोग से कालमेघ के फायदे और कालमेघ के नुकसान के बारे में बताने जा रहे हैं. इसलिए आयुर्वेदि उपाय को उपयोगी माने जाने वाले इस पौधे की विशेषता को ध्यान से पढ़ें.
मधुमेह (शुगर) को रखें कण्ट्रोल
आज भारत सहित विश्व की बहुत बड़ी जनसँख्या विभिन्न रोगों से ग्रसित है, और उनमें से खासकर शुगर से ग्रसित लोगो की संख्या पूरे विश्व में सबसे अधिक है. इस बीमारी का आज तक कोई स्थायी उपचार नहीं निकल पाया है. बहुत से डॉक्टर और आयुर्वेद तथा दुसरे देशो के वैज्ञानिक इसके स्थायी उपचार का दावा जरूर करते है, लेकिन आजतक यह साबित नहीं कर पायें है. शुगर या मधुमेह की बीमारी को यदि व्यक्ति कण्ट्रोल करके चले तो वह आसानी से लम्बा जीवन यापन कर सकता है. इसके लिए खान पान और कुछ दवाइयों को अपना कर वो अपना मधुमेह को आसानी से मेन्टेन कर सकते है. इसी के बारें में निचे विस्तार से आपको इस आर्टिकल में बताया गया है.
क्या है कालमेघ या भुई नीम
कालमेघ एक ऐसा आयुर्वेदिक पौधा है जो ज्यादातर आपके घरों के आसपास या जंगली इलाकों में पाया जाता है. स्थानीय भाषा में इसे भुई नीम भी कहा जाता है. इसका वैज्ञानिक नाम एंड्रोग्राफिस पैनिकुलता है. यह हरे रंग का पौधा होता है और ये मिर्च के पौधों के समान होती है. इसके पत्तों का स्वाद बेहद हि कड़वा होता है. भारत में इसे अलग अलग जगह पर कालनाथ, महाटीकाटा और हरी चिरेट्टा के नाम से भी जाना जाता है.
कालमेघ के नियमित सेवन से करें शुगर मेन्टेन
कालमेघ या भुई नीम एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है और इसके औषधीय उपयोग के कारण कई देशों में इसकी खेती की जाती है. इसका उपयोग मधुमेह (शुगर) की समस्या से बचने के लिए भी किया जाता है. दरअसल, कालमेघ (भुई नीम) में मधुमेह विरोधी गुण होते हैं, जो मधुमेह की स्थिति में आपको सुरक्षा प्रदान करते हैं. चूहों पर किए गए एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, यह भी देखा गया कि कालमेघ (भुई नीम) के पौधे के अर्क का सेवन टाइप 1 मधुमेह के खिलाफ प्रभावी रूप से कार्य करता है.
कालमेघ रोगों का काल
कालमेघ या भुई नीम अपने औषधीय गुणों के कारण रोगों के काल के नाम से भी प्रसिद्ध है. इसका उपयोग केवल मधुमेह में ही नहीं बल्कि बहुत सारें रोगों के इलाज के लिए प्राचीन समय से किया जाता रहा है. उनमें से कुछ निचे दिया गया है जैसे-
- दिल की बीमारी
- मधुमेह
- कैंसर
- अनिद्रा की समस्या
- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए
- सामान्य सर्दी से बचने के लिए
- वायरल संक्रमण में
- लीवर को स्वस्थ रखने के लिए
- घाव भरने के लिए
- अपच की समस्या में
देखा दोस्तों कालमेघ या भुई नीम का उपयोग विभिन्न रोगों के इलाज के लिए किया जाता है, इसीलिए इसे रोगों का काल कहा जाता है.
मधुमेह (शुगर) के मरीज ऐसे करें कालमेघ (भुई नीम) का सेवन
कालमेघ को सबसे पहले हल्के धुप में सुखाकर अच्छे से रख लें. फिर आपको सेवन निचे दिए गए तरीकों से करना है-
- 2 कप पानी में 2 चम्मच कालमेघ का पाउडर डालकर इसे उबालें.
- जब पानी आधा कप रह जाए तो गैस बंद कर दें.
- इसे अब ठंडा होनें दे.
- अब इसे खली पेट दवाई की तरह पी लें.
- ध्यान दे यह काढ़ा बहुत ही कडवा होता है.
इस तरह इसके नियमित सेवन से आपका मधुमेह (शुगर) हमेशा कण्ट्रोल में रहेगा और आप एक लम्बा जीवन आसानी से जी सकते है.
कालमेघ के साइडइफेक्ट
कालमेघ का सेवन मधुमेह मरीजों के लिए लाभकारी तो है लेकिन इसके कुछ साइड इफ़ेक्ट भी हो सकते है जो निचे दिया गया है-
- इसके ज्यादा सेवन से एलर्जी हो सकती है.
- कालमेघ (भुई नीम) के सेवन से अन्य दवाएं भी प्रभावित हो सकती हैं. इसलिए अगर आप कोई दवा का सेवन कर रहे हैं तो कालमेघ (भुई नीम) लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें.
- कालमेघ (भुई नीम) के अधिक सेवन से लो बीपी और लो शुगर हो सकता है. इसलिए समय-समय पर बीपी और शुगर लेवल को मॉनिटर करते रहें.
- इसके अधिक सेवन से भूख कम हो सकती है.
- गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान कालमेघ (भुई नीम) चूर्ण के सेवन से बचने की सलाह दी जाती है.
सूचना – ऊपर दिए गे सभी जानकारी हमारी समझ और इन्टरनेट कंटेंट द्वारा बनायीं गयी है. कालमेघ (भुई नीम) का सेवन आप अपने विवेक और डॉक्टर के सलाह से करें.
तो दोस्तों यह थी आज की कालमेघ (भुई नीम) की जानकारी. आशा है आप सभी को हमारी यह जानकारी पसंद आएगी. ऐसे हि और जानकारी आप लोगो तक हम पहुँचाते रहेंगें.
यदि आपका कोंई विचार, सुझाव है तो हमें पोस्ट के निचे कमेंट सेक्शन में बेशक बताएं. जिससे हम वेबसाइट के कमियों को दूर करके और बेहतर बनाकर आपके सामने रख सकें. हमारे सभी पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें.
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